- उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई ने किया सम्मानित
- वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने पायलट प्रभात यादव को स्मृति चिन्ह, चेक, शॉल और प्रशंसा पत्र देकर किया सम्मानित
- घर में पिता, भाई के बाद माता की मृत्यु के बावजूद देते रहे कोविड मरीजों को सेवाएं
मैनपुरी निवासी प्रभात यादव पिछले नौ वर्षों से 108 एम्बुलेंस सेवा में सेवाएं देते हुए लोगों की जिंदगी बचाने में अहम योगदान दे रहे हैं. प्रभात यादव 15 मई की सुबह अपनी ड्यूटी पर थे, जब उन्हें सूचना मिली कि उनकी माता का देहांत हो गया है. इसके बाद भी उन्होंने पहले कोविड-19 मरीज को सेवा देने का फैसला किया. यही नहीं माता के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद वह अपनी ड्यूटी पर लौट आए. उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर गुरुवार को उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई ने सम्मानित किया.
वरिष्ठ अधिकारियों ने तालियों से किया स्वागत
तालियों की गड़गड़ाहट के साथ किया स्वागत
मथुरा जपनद में पायलट (ड्राइवर) के पद पर कार्यरत प्रभात यादव के पहुंचते ही गुरुवार को आशियाना, लखनऊ स्थिति जीवीके ईएमआरआई हेड आफिस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने तालियों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया. उत्तर प्रदेश में सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई के एचआर हेड लिंगराज दास ने बताया, ‘पायलट प्रभात यादव ने मानव सेवा को सर्वोच्च मानकर अपना ड्यूटी की है. अपनी ड्यूटी के प्रति इसी समर्पण भाव को देखते हुए संस्था के वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने प्रभात यादव को स्मृति चिन्ह, शॉल, प्रशंसा पत्र और चेक भेंट कर सम्मानित किया. टीवीएसके रेड्डी ने कहा कि प्रभात यादव ने कोरोना काल में फर्ज के प्रति समर्पण का बेहतरीण उदाहरण पेश किया है. ऐसी विपदा में परिवार के तीन लोगों को खोने के बाद भी वह अपने कर्तव्यपथ से विचलित नहीं हुये.
यह मानव सेवा की मिसाल है. हम सबको उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये. प्रभात यादव ने न सिर्फ स्वयं लोगों की जिंदगी बचाने में अहम रोल निभाया बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं. इस अवसर पर स्टेट हेड संदीप दुबे, एचआर हेड लिंगराज दास, सीएस हेड कमलाकन्नन सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे. जीवीके ईएमआरआई के यूपी स्टेट हेड संदीप दुबे ने बताया कि प्रभात मथुरा जनपद में पायलट के पद पर तैनात हैं और मरीजों की जिंदगी बचाने में अहम योगदान दे रहे हैं. वह वर्ष 2012 से 108 एम्बुलेंस सेवा में कार्य कर रहे हैं.
पिछले साल कोरोना से खो चुके हैं पिता को
पायलट प्रभात यादव ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल में ही उनके पिता स्व. रामवीर सिंह यादव की कोविड-19 संक्रमित होने के बाद मौत हो गई थी. इसके बाद उनके भाई की भी मृत्यु हो गई थी. वहीं, 15 मई 2021 को उनकी माता भी नहीं रहीं. प्रभात ने बताया कि जब माता की मृत्यु का समाचार मिला तो वह एक मरीज को लेकर अस्पताल जा रहे थे. उन्होंने मथुरा के प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह को इसकी सूचना दी. मरीज को एम्बुलेंस सेवा देने के बाद वह प्रोग्राम मैनेजर की गाड़ी से मैनपुरी के चुरहेला गांव पहुंचे और अपनी माता का अंतिम संस्कार किया. इसके तुरंत बाद वह प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह के साथ ही अपनी ड्यूटी पर लौट आए. उन्होंने कहा कि अपनों को तो खो दिया लेकिन दूसरे लोगों को बचाने के लिए ड्यूटी पर लौटना जरूरी था. यही सोचकर वह घर पर नहीं रूके और तुरंत लौट आए. पिछले वर्ष भी उन्होंने बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों को सेवाएं दी थी और इस वर्ष भी वह लगातार कोरोना मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं.