हमारे संस्थान में ख़बरों को जितनी तरज़ीह दी जाती है. उससे कमतर विज्ञापन की जगह तय की गई है. हमारी हौसलाफज़ाई के लिए विज्ञापन देने का कष्ट करें. यदि आपका मन विज्ञापन देने का नहीं है तो हर ख़बर को पढ़ने के बाद पसंद आने पर एक रुपये मात्र की आर्थिक सहायता राशि भी दे सकते हैं. आपके इस सकारात्मक सहयोग से हमारी कलम में ईंधन का इंतजाम होता रहेगा. यकीन मानिए कोई मदद न मिलने पर भी हम ख़बर यूं ही पढ़ाते रहेंगे. बस आप आते रहिये.
Home Advertise