लॉकडाउन के चलते नुकसान की मार झेल रहे व्यापारियों के लिए दुकान और गोदाम का किराया जमा करना एक मुसीबत बन गया है…
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में जारी लॉकडाउन में किरायेदारों का किराया माफ या भुगतान करने से छूट नहीं दी जा सकती है.
लॉकडाउन के चलते नुकसान की मार झेल रहे व्यापारियों के लिए दुकान और गोदाम का किराया जमा करना एक मुसीबत बन गया है. हालांकि, न्यायालय ने कहा है कि लॉकडाउन के मद्देनजर किरायेदार को राहत के तौर पर इसे कुछ दिन के लिए टाला या किस्तों में भुगतान की इजाजत दी जा सकती है. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा है कि किरायेदार लॉकडाउन संकट जैसी ‘जबरदस्ती की स्थिति’ को लागू नहीं कर सकते क्योंकि वह दुकान खाली नहीं करना चाहते थे. परिसर पर कब्जा बनाए हुए हैं. उच्च न्यायालय ने खान मार्केट के कुछ दुकानदारों की याचिका पर यह फैसला दिया है.
बता दें कि दुकानदारों ने याचिका में कहा था कि लॉकडाउन के दौरान वे दुकान का इस्तेमाल करने में असमर्थ थे. ऐसे में उन्हें किराये का भुगतान करने से छूट दी जाए. कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा है कि बेदखली के आदेश होने के बाद भी वह (दुकानदार) दुकान खाली नहीं करना चाहते थे. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि अब सवाल उठता है कि क्या लॉकडाउन के चलते किरायेदार किराये के भुगतान से छूट या इसे स्थगित करने की मांग करने का हकदार होगा. कोर्ट न्यायालय ने कहा कि इससे देशभर में हजारों मामले सामने आएंगे.