उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का कृष्णानगर इलाका. यहां के सेक्टर-सी स्थित एक मकान से दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी गई. खाकी ने मकान खोला तो बाप-बेटे की सड़ती हुई लाश मिली. बदहवास सी एक दिव्यांग महिला मिली जो मृतक की पत्नी थी. होम आईसोलेशन में इलाज पाने वालों की सरकारी देखरेख का खामियाजा इस परिवार ने भुगत लिया. पड़ोसियों के लापरवाह रवैया की भी यह एक नजीर है.
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी सेक्टर सी-वन में अरविंद गोयल (60) अपने बेटे आशीष गोयल (25) संग होम आइसोलेशन में रह रहे थे. घर में अरविंद की दिव्यांग पत्नी भी रहती हैं. वहीं, दिव्यांग पत्नी करीब चार दिन तक घर में दोनों के शवों के साथ रही. रात करीब आठ बजे भीषण दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. दरवाजा तोड़कर उनके शवों को बाहर निकलवाया गया. मृतक अरविंद की पत्नी बदहवास हैं. उन्हें अस्पताल भेजा गया है.
पड़ोसियों को पता ही नहीं चला
पड़ोसियों का कहना है कि चार दिन से परिवार का कोई सदस्य घर के बाहर नहीं निकला था. चार दिन पहले ही अरविंद को घर के बाहर देखा गया था. पड़ोसियों ने मीडिया को बताया कि लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मोहल्ले के लोग भी घरों से बाहर कम ही निकलते हैं. इसलिए किसी का ध्यान अरविंद की ओर नहीं गया. शनिवार रात दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी गई. पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि अरविंद और उनका बेटा आइसोलेशन में है.
पुलिस के मुताबिक, संक्रमित होने के कारण ही उनकी मौत हुई है. अरविंद की पत्नी को अस्पताल भेजा गया है. पिता-पुत्र के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं.