भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य और मॉस्को ओलंपिक 1980 के स्वर्ण पदक विजेता रविंदर पाल सिंह ने करीब दो सप्ताह कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शनिवार की सुबह लखनऊ में अंतिम सांस ली. वे 60 वर्ष के थे.
सिंह को 24 अप्रैल को विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वह कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद कोरोना वॉर्ड से बाहर थे. शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 खेल चुके सिंह ने विवाह नहीं किया था. उनकी एक भतीजी प्रज्ञा यादव है.
वह 1979 जूनियर विश्व कप भी खेले थे और हॉकी छोड़ने के बाद स्टेट बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी. सीतापुर में जन्में सेंटर हाफ सिंह ने 1979 से 1984 के बीच शानदार प्रदर्शन किया. दो ओलंपिक के अलावा वह 1980 और 1983 में चैम्पियंस ट्रॉफी , 1982 विश्व कप और 1982 एशिया कप भी खेले. खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा ,‘‘ मुझे यह जानकर अपार दुख हुआ है कि श्री रविंदर पाल सिंह जी कोरोना से जंग हार गए. भारत ने मॉस्को ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम का एक स्वर्णिम सदस्य खो दिया. भारतीय खेलों में उनके योगदान को याद रखा जायेगा.’’
हॉकी इंडिया ने उनके असामयिक निधन पर शोक जताया है. हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोंबम ने कहा ,‘‘हॉकी इंडिया रविंदर पाल सिंह के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता है. रविंदर ने भारतीय हॉकी में अपार योगदान दिया और उनकी उपलब्धियां हमेशा याद रखी जायेंगी. इस कठिन समय से उबरने के लिये उनके परिवार और दोस्तों को ईश्वर शक्ति दे.’’