मुस्लिम देशों के सबसे बड़े मंच ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (OIC) ने कश्मीर को लेकर आपातकालीन बैठक की. इस दौरान बैठक में जम्मू-कश्मीर (jammu Kashmir) को लेकर 1994 में बनाए गए ओआईसी की कॉन्टैक्ट ग्रुप के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत (India) को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं.
जम्मू कश्मीर का मुद्दा निपटाने को प्रतिबद्ध
हालांकि इस संगठन के अगुवा सऊदी अरब ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है. बता दें कि ओआईसी के कॉन्टैक्ट ग्रुप के विदेश मंत्रियों की आपातकालीन बैठक में अजरबैजान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की शामिल हुए. ओआईसी के महासचिव डॉक्टर यूसुफ अल-ओथइमीन ने कहा कि ओआईसी इस्लामी समिट, विदेश मंत्रियों की काउंसिल और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने को लेकर प्रतिबद्ध है.
#OIC Secretary General, Dr. Yousef Al-Othaimeen addresses the emergency virtual meeting of the OIC Contact Group on #Jammu and #Kashmir to review the latest developments in #JammuAndKashmir. pic.twitter.com/8ROs3SWYGO
— OIC (@OIC_OCI) June 22, 2020
भारत पर लगाया मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में ओआईसी के सदस्य देशों ने भारत के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि वे कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करते हैं. इसके अलावा इस बैठक में भारत के 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने की भी आलोचना की गई. इतना ही नहीं ओआईसी ने पाकिस्तान की चाल में फंसते हुए भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर जारी रिपोर्ट का समर्थन किया.
पाकिस्तान ने की चालबाज़ी
The Contact Group reaffirmed the continued support for the people of #Jammu & #Kashmir & called on the UN Secretary General to use his good offices to make #India abide by the UN Security Council's (UNSC) resolutions & engage in dialogue to calm the situation in the region. pic.twitter.com/RyFyz8tK2E
— OIC (@OIC_OCI) June 22, 2020
बता दें कि भारत ने जब से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया है, तब से पाकिस्तान की यही मांग थी कि ओआईसी भारत के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए. हालांकि उस समय ओआईसी ने तटस्थ रूख अपनाते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था. मगर अब पाकिस्तान की चाल में फंसते हुए इस संगठन ने कश्मीर को लेकर बयान जारी किया है.
सऊदी ने पहले दिया था भारत का साथ
ओआईसी में सऊदी अरब के बिना कोई भी काम नहीं हो सकता. हालांकि, 5 अगस्त के बाद सऊदी ने कश्मीर को लेकर कोई भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं की थी. संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी के कई देशों ने इसे भारत का अंदरूनी मसला बताया था.