हर बार दो से ढाई हजार रुपये वसूलती रही कानपुर पुलिस…
मां पैरों से विकलांग है. बेटी को कुछ बदमाश उठा ले गए. मदद की आस में महिला पुलिस के पास गई. पुलिस अपनी कार में पीड़ित मां से रुपया लेकर डीजल भरवाती रही. मामले का खुलासा हुआ तो चौतरफा निंदा पाकर पुलिस अफसर अपनी सफाई देने में जुटे हुए हैं.
एक विकलांग महिला की बेटी को एक महीने पहले कुछ लोग उठा ले गए, लेकिन पुलिस उसको ढूंढने के लिए इस मजबूर महिला से हर बार दो-ढाई हजार रुपये के डीजल भरवाती रही. हैरानी ये है इसके बावजूद न महिला की बेटी बरामद हुई, न कोई आरोपी पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, गुड़िया की 15 साल की नाबालिग बेटी को एक महीने पहले ठाकुर नाम का व्यक्ति उठा ले गया था, जिसकी चकेरी पुलिस ने एफआईआर तो लिखी, लेकिन जांच करने वाली पुलिस उससे बेटी खोजने के नाम पर दो-ढाई हजार रुपये का डीजल जबरन भरवाती रही.
लोगों से मांगकर गाड़ी में भरवाया तेल
हैरानी तो ये है कि उसकी बेटी फिर भी बरामद नहीं हुई तो उसे उलटा चौकी से भगा भी दिया.मजबूर होकर गुड़िया जब एसएसपी के यहां पहुंची तो भी उसने बड़ी मासूमियत से यही कहा कि साहब झूठ नहीं बोलूंगी, पुलिस को पैसा नहीं दिया, केवल तीन-चार बार इधर-उधर से मांगकर उनकी गाड़ी में डीजल भरवाया.
ठाकुर जबरन उठा ले गया…
गुड़िया का कहना है कि ठाकुर शादीशुदा है, फिर भी मेरी बेटी को उठा ले गया, उसके बारे में उनके घर वालों को पता है. कायदे से पुलिस को खुद अपनी गाड़ी से लड़की की तलाश करनी थी, जिसका उसे बजट भी मिलता है, लेकिन मुफ्तखोरी की लत से मजबूर पुलिस गरीब मां से ही डीजल भरवाती रही. ऐसे कई मामले पहले भी देखे और पाए गए हैं.
मामले की होगी जांच
गुड़िया जब अपनी शिकायत लेकर एसएसपी प्रतिविन्दर सिंह के यहां पहुची तो अपनी उन्होंने मानवता दिखाई. उन्होंने पुलिस को तुरंत गुड़िया की बेटी को ढूंढने का आदेश दिया और खुद अपनी स्कॉर्ट गाड़ी से गुड़िया को 6 किलोमीटर दूर चकेरी थाने भिजवाया. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस पर जो आरोप है, उसकी जांच करके कार्यवाही की जाएगी.