डीएम और एसएसपी ने दावा किया है कि युवतियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं. अब उनकी उम्र निर्धारण के लिए भी जांच कराई जाएगी.
कानपुर के संवासिनी गृह में कोरोना पॉजिटिव युवतियों के गर्भवती होने के मामले में डीएम और एसएसपी ने दावा किया है कि युवतियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं. अब उनकी उम्र निर्धारण के लिए भी जांच कराई जाएगी.
इस बारे में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि 3 और 12 दिसम्बर 2019 में दोनों युवतियों को संवासिनी गृह में दाखिल कराया गया था. दोनों आगरा और कन्नौज में अपराध का शिकार हुई थीं. वहां पर दोनों के मामलों में एफआईआर भी दर्ज है. अधिकारी ने बताया कि वहां पर आरोपितों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की गई, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. दोनों युवतियों को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया था. उन्हीं के आदेश पर इन्हें संवासिनी गृह में दाखिल किया गया था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को इसस पूरे मामले में जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक नोटिस जारी की है.
NHRC notice to the Chief Secretary and DGP, Uttar Pradesh over reports of 57 minor girls found COVID positive; 5 of them pregnant and one HIV positive at a State run Shelter Home in Kanpurhttps://t.co/wX2kAHexMZ#NHRC #HumanRightsViolations #COVID19
— NHRC India (@India_NHRC) June 22, 2020
पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा दो की निगेटिव आई
वहीं, डीएम ब्रह्मदेवराम तिवारी ने बताया कि राजकीय संरक्षण गृह में अब तक 57 संवासिनी संक्रमित पाई गई हैं. इस वक्त सात गर्भवती हैं. इनमें से पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा दो की निगेटिव आई है. ये सभी आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेश पर यहां भेजी गई हैं. बता दें कि संवासिनी गृह में एक हिस्से में बाल गृह बालिका और दूसरे हिस्से में महिला शरणालय है. प्रोबेशन अधिकारी अजित कुमार ने बताया कि वर्तमान में बालगृह में 170 बलिकाएं और 59 महिलाएं रहती हैं. उन्होंने बताया कि संवासिनी गृह को सील करा दिया गया है.
प्रियंका गांधी ने बिहार मामले से की थी तुलना
उधर, मामले के प्रकाश में आते ही रविवार को ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मसले पर बयान दिया. उन्होंने लिखा, “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला.” प्रियंका गांधी ने लिखा कि मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.
डीएम ने पूरी जानकारी देकर, मामले की बयान की सच्चाई
कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह(बालिका) के भीतर किसी भी किशोरी के गर्भवती होने की खबर पूर्णत: निराधार व सत्य से परे है। किसी भी ज़िम्मेदार व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील मामले में पाक्सो एक्ट के प्रावधानों की जानकारी व तथ्यों के आधार पर ही कुछ कहना चाहिए ।
— DM Kanpur Nagar (@DMKanpur) June 22, 2020
इस मसले पर अब प्रशासन की ओर से सफाई भी दी गई है. विवाद पर कानपुर डीएम ने ट्वीट किए, उन्होंने लिखा कि कानपुर संवासिनी गृह में कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से दो गर्भवती लड़कियों की खबर के बारे में यह स्पष्ट करना है कि ये पॉक्सो एक्ट के तहत CWC आगरा तथा कन्नौज के आदेश से दिसंबर 2019 में यहां संवासित की गई थीं और तत्समय किए गए मेडिकल परीक्षण के अनुसार ये पहले से गर्भवती थीं.
अफ़वाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई!
डीएम ने ट्वीट किया कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है. आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है. कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचे बिना पोस्ट ना करें. जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है.